एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति छू रही लोकप्रियता का शिखर

रोहतक। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कम हो रही है। यहीं नहीं जीवन शैली में आए परिवर्तन, बढ़ते प्रदूषण तथा खान पान में रसायन पदार्थों के मिश्रण से लोगों में बीमारिया घर करने लगी है। बीमार आदमी के लिए प्राइवेट अस्पताल में ईलाज कराना आर्थिक दृष्टि से और सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाना एक कठिन प्रक्रिया बन गई है। रोगी अब एलोपैथी, आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति को छोड़कर एक्यूप्रेशर की तरफ बढ़ने लगे है। क्योंकि एक्यूप्रेशर सस्ती और सुलभ चिकित्सा सुविधा है। आजकल लोगों में टैनिस एलबो, स्ट्रेस, स्पाइन प्रोब्लम, सरवाइकल, डिस्क, रक्तचाप, माईग्रेन, थाईरॉयड, मधुमह जैसी बिमारिया घर करती जा रही है।

एक्यूप्रेशर रोग विशेषज्ञ डॉ भारत भूषण भुटयानी ने बताया कि यह ऐसे रोग है जिसमें एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति काफी कारगर सिद्ध हो रही है। लोगों को रूझान भी अब एक्यूप्रेशर की तरफ बढ़ने लगा है। क्योंकि इस चिकित्सा पद्धति में न तो कोई चीड़-फाड़ होती, न ही कोई दवा का सेवन होता है और न ही कोई खाने पर प्रतिबंध होता। यहीं नहीं कुछ ही मिनटों में रोगी का एक्यूप्रेशर पद्धति से इलाज करके उसे घर भेज दिया जाता है। हैनी, भावना, आशीष और गीतू, मीता, सपना, प्रवीन, सचिन ने बताया कि एक्यूप्रेशर से उन्हें काफी लाभ पहुंचा है। हैनी ने बताया कि उसे काफी समय से माईग्रेन के दर्द से काफी परेशानी थी, फिर मैंने डॉक्टर से सलाह लेकर एक्यूप्रेशर पद्धति के तहत इलाज शुरू किया जिससे मुझे काफी लाभ हुआ है। वहीं भावना ने बताया कि उसे काफी वक्त से टैनिस एलबो की तकलीफ थी लेकिन एक्यूप्रेशर ने उसकी ये तकलीफ अब खत्म कर दी है। प्रवीन ने बताया कि उसकी डिस्क प्राब्लम भी एक्यूप्रेशर की वजह से खत्म हो गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब लोग एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से अपनी चिकित्सा कराने में प्राथमिकता देंगे ।

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