कूड़े के ढेर पर मिलीं जीवनरक्षक दवाइयां 

राघोपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राघोपुर में जीवन रक्षक दवाइयां कूड़े के ढेर पर मिलने का मामला प्रकाश में आया है। स्वास्थ्य केन्द्र फतेहपुर, राघोपुर के शौचालय की टंकी के पास बाहर काफी मात्रा में ओआरएस घोल के पैकेट, स्ट्रेप्टोमाइसिन इंजेक्शन, सेफ्टीन एलर्जी की दवा एचआईवी जांच किट कूड़े के ढेर पर फेंकी पाई गईं। दवाओं को फेंके जाने की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में लोग पहुंच गए और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे। फेंकी गई एक्सपायर दवाओं की कीमत हजारों रुपए आंकी गई है।

बताया गया है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने स्थानीय व्यक्ति को कांट्रैक्ट पर रखा है और उसने ही दवाएं फेंकी हैं। वैसे यहां दवा स्टोर का का जिम्मा एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पास है। एक्सपायर दवाएं यूं ही खुले में किसने फेंकी है, यह जांच का विषय है।

पीएचसी के आउटडोर में इलाज कराने आने वाले मरीजों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उन्हें यहां दवा की किल्लत का रोना रोया जाता है। अक्सर मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती हंै। लेकिन राघोपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की कार्यशैली और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से लाखों की दवाएं यूं ही पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो जा रही हैं। नियमानुसार एक्सपायर दवा को भी यूं ही खुले में नहीं फेंका जाता है। अगर दवा बच गई है तो जिला दवा भंडार को सूचना देनी है और वापस कर देना है लेकिन यहां इन नियमों की भारी अनदेखी की जा रही है। इस संबंध में मोबाइल पर संपर्क किए जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुशीला कुमारी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर मामले की जांच कराएंगे।

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