पैरासिटामॉल सिरप समेत 5 दवा संदेह के घेरे में

बहराइच। जिला अस्पताल में बुखार से पीड़ित बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामॉल सिरप समेत पांच दवाओं की गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई है। औषधि विभाग की टीम ने उक्त सभी दवाओं के सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब भेजे हैं। टीम ने दवाओं की गुणवत्ता परखने के लिए औषधि भंडार कक्ष में डम्प सभी दवाओं की जांच की। जिला अस्पताल में यह दवाएं विभिन्न कम्पनियों की ओर से सीधे सप्लाई हो रही हैं।

गौरतलब है कि विभाग को कुछ समय से दवाओं की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामाल सिरप को असरहीन बताया गया था। मामले को गम्भीरता से लेते हुए औषधि निरीक्षक की टीम ने जिला अस्पताल के औषधि भंडार कक्ष का औचक निरीक्षण किया। टीम ने कक्ष में डम्प सभी दवाओं का निरीक्षण किया और रखरखाव को देखा।

कम्पनियों से जुड़े दस्तावेजों का दवाओं से मिलान किया गया। संदिग्ध मिली दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गए। दवाओं के रखरखाव को लेकर डीआई की ओर से सतर्कता बरतने को भी कहा गया है।   बहराइच के ड्रग इंस्पेक्टर राजू प्रसाद ने बताया कि जिला अस्पताल के औषधि भंडार में डम्प दवाओं की पड़ताल की गई है। पांच दवाओं की गुणवत्ता संदिग्ध मिलने पर सैंपल जांच के लिए भेजे हंै। जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। औषधि विभाग की टीम ने जिला अस्पताल में जांच के दौरान डम्प पैरासिटामॉल टेबलेट, सीरप, ओमीप्राजोल कैप्सूल, सिट्रिजिन, सेप्ट्रान सीरप की गुणवत्ता पर संदेह जताया है। टीम ने जिला अस्पताल के औषधि भंडार कक्ष में डम्प सभी औषधियों की एक्सपायरी जांच की। दवाओं में अंकित मैनुफैक्चरिंग डेट का मिलान अभिलेखों से किया। इस दौरान कई ऐसी दवाएं मिलीं, जिनकी एक्सपायरी डेट नजदीक है। डीआई ने इन दवाओं को समय रहते प्रयोग कर लेने के निर्देश दिए।

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