कैंसर मरीजों को दर्द से मिलेगी राहत!

नई दिल्ली। एडवांस स्टेज के कैंसर मरीजों को दर्द से राहत मिल सकेगी। इसके लिए एम्स में कैंसर के ‘पैलीएटिव केयर’ पर चार दिवसीय सेमिनार शुरू किया गया है। इसमें देश-विदेश के डॉक्टर शामिल हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते ‘पैलीएटिव केयर’ की सुविधा कुछ ही अस्पतालों में है। इसके मद्देनजर एम्स कैंसर सेंटर के डॉक्टर देश के दूसरे अस्पतालों के डॉक्टरों को पैलीएटिव केयर की ट्रेनिंग दे रहे हैं। यहां से प्रशिक्षित डॉक्टर एडवांस स्टेज के कैंसर के मरीजों को दर्द से दिला सकेंगे। केंद्र सरकार जिला अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय पैलीएटिव नीति तैयार की है। हर राज्य में एक सेल का गठन किया जाएगा और सभी जिला अस्पतालों में कैंसर के मरीजों को दर्द से राहत देने वाली दवाओं की सुविधा होगी।

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता बढऩे के बावजूद अभी भी अस्पतालों में अंतिम स्टेज में मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज से ज्यादा फायदा नहीं होता। उन्हें दर्द निवारक दवाओं से पीड़ा रहित जिंदगी दी जा सकती है। छोटे व जिला अस्पतालों में यह सुविधा होने से बड़े अस्पतालों में 50 फीसदी बेड खाली हो सकेंगे। एम्स कैंसर सेंटर व एनसीआई के प्रमुख डॉ. जीके रथ ने भी कैंसर पीडि़तों के इलाज में पैलीएटिव केयर को महत्वपूर्ण बताया। डॉक्टरों का कहना है कि वर्तमान में देश के करीब 450 मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ 50 में इसकी सुविधा है। एम्स के पहले बैच में 10 डॉक्टर इसी साल पास होकर निकलेंगे।

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