टेंडर की शर्तों से दवा दुकानदार पस्त

गोरखपुर। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर कैमिस्ट शॉप न होने का खामियाजा से यहां आने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। तबीयत खराब होने पर पीड़ित यात्री को जीवनरक्षक घोल, दर्द और बुखार की दवाओं के लिए भी स्टेशन परिसर से बाहर जाना पड़ेगा। दरअसल, रेलवे प्रशासन पिछले ढाई साल में कैमिस्ट शॉप के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है। यात्री सुविधाओं से जुड़ी योजनाएं भी फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रही।

गौरतलब है कि विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 स्थित कैमिस्ट की दुकान 2015 में बंद हो गई थी। इसके बाद यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई। रेलवे ने कैमिस्ट शॉप के लिए दो बार टेंडर जारी किया, लेकिन उस पर सहमति नहीं बन पाई। यात्री सुविधाओं से जुड़ा यह मामला फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया। विभागीय सूत्रों का कहना कि टेंडर की कड़ी शर्तों के चलते कैमिस्ट शॉप के लिए कोई व्यक्ति, फर्म या संस्था आगे नहीं आ रही।

रेलवे प्रशासन न शर्तों को लचीला बना रहा और न कोई व्यक्ति कैमिस्ट शॉप के लिए आगे आ रहा। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह कब तक चलता रहेगा। इस बार की होली में भी यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी। इस दौरान अक्सर यात्रियों की तबीयत खराब होती है। गर्मी भी आ गयी है। लू में अक्सर यात्रियों को उल्टी-दस्त की शिकायत रहती है, लेकिन उन्हें स्टेशन पर दवा नहीं मिल पाती।

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