कमीशन तय करेगा मेडिकल स्टडीज के नियम

कोटा: मेडिकल एजुकेशन को रेगुलेट करने के लिए अब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह नई बॉडी नेशनल मेडिकल कमिशन बनाया जाएगी। वहीं, डॉक्टर्स को एमबीबीएस पास करने के बाद अपनी प्रैक्टिस शुरू करने से पहले एग्जिट एग्जाम देना होगा। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल को कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है। इसके तहत कमीशन को 4 मुख्य जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। इसे अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टडीज को रेगुलेट करना, मेडिकल कॉलेजों की रेटिंग करना, मेडिकल प्रैक्टिशनर्स पर मॉनिटरिंग मेडिकल एथिक्स को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कमीशन के 5 मेंबर्स चुनाव के माध्यम से चुने जाएंगे। अन्य मेंबर्स सरकार की ओर से मनोनीत किए जाएंगे। अब यह बिल मंजूरी के लिए लोकसभा राज्यसभा में रखा जाएगा। खास बात ये है कि अब एमबीबीएस करने के बाद भी डॉक्टर्स को एग्जिट एग्जाम देना होगा। इससे एग्जाम को पास करने के बाद ही डॉक्टर्स को प्रैक्टिसिंग लाइसेंस मिल पाएगा। वहीं, एग्जिट एग्जाम के स्कोर के आधार पर ही पोस्ट ग्रेजुएट में एडमिशन मिलेगा। अब तक नीट पीजी के जरिए मेडिकल स्टूडेंट्स को एडवांस के स्टडीज के लिए एडमिशन मिलता था।

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