दवाओं की होगी ट्रैकिंग

रांची। राज्य औषधि निदेशालय ने दवाओं के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है। गाइडलाइन के अनुसार नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर ट्रैकिंग की जाएगी। सीएनएफ, स्टॉकिस्ट, होलसेलर और खुदरा दवा दुकानदारों पर निगरानी बनी रहेगी। राज्य औषधि निदेशालय के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र प्रसाद के अनुसार नशे का विकल्प मानी जाने वाली दवाओं कोरेक्स कफ सिरप, रिकोडेक्स, केंटामाइन, पेंटाओसीन, फोस्टविन, टर्माडोल आदि का दुरुपयोग रोकने के लिए यह कवायद की जा रही है। नई गाइडलाइन के तहत सीएनएफ, स्टॉकिस्ट और होलसेलर को सब-डीलर व सब-स्टॉकिस्ट के लाइसेंस की कॉपी लेनी होगी। उन्हें यह भी रिकॉर्ड रखना होगा कि नशे में प्रयोग होने वाली दवाइयां कितनी मात्रा में बेची गई है। साथ ही, इसका नवीनीकरण सर्टिफिकेट, दुकानदारों द्वारा मांगी गई दवाओं का मांग पत्र, डॉक्टरों के मांग पात्र का रिकॉर्ड भी रखना होगा। इसके अलावा दवाओं के बैच नंबर के साथ हर माह की खरीद-बिक्री की डिटेल माह के अंतिम सप्ताह में राज्य औषधि निदेशालय में जमा करनी होगी।

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