डाक्टर गायब, वैद्य के हवाले सरकारी अस्पताल !

प्रतापगढ़ (राजस्थान): राज्य में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे को चार दिन बीत गए। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। जिला अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 13 आयुष चिकित्सकों को लगाया गया है लेकिन मरीजों को इससे कोई खास राहत नहीं मिल रही। कारण कि आयुष डॉक्टरों ने (वैद्य) हड़ताल के पहले दिन तो कलेक्टर के मौखिक आदेश पर एलोपैथिक दवाएं पूछ-ताछ कर लिख डाली। लेकिन अब एलोपैथी दवा लिखने का लिखित आदेश नहीं होने के कारण उन्हें आयुर्वेदिक दवाएं ही लिखनी पड़ रही है।

जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में आयुर्वेदिक दवाओं की कोई व्यवस्था नहीं होने से मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। जिलेभर के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को अस्पताल में लगाने से आयुर्वेदिक अस्पताल खाली हो गए। यहां आने वाले मरीज कंपाउंडरों के भरोसे चल रहे हैं। जिला अस्पताल में 24 डॉक्टरों में से 22 हड़ताल पर हैं जबकि एक अनुपस्थित चल रहा है। उनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था अपनाते हुए 3 गीतांजलि अस्पताल से, 3 आरएनटी से, एक पीपीपी मोड से, 4 आयुष डॉक्टर लगा रखे हैं। इसके अलावा 13 आयुर्वेदिक डॉक्टरों को लगा रखा है। प्रतापगढ़ उपखंड के 18 आयुर्वेदिक अस्पतालों में से 13 अस्पतालों के 13 आयुष डॉक्टरों को जिला अस्पताल की ओपीडी संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।

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