दवाओं के सैंपल भरकर भी ड्रग विभाग को फायदा नहीं मिलता

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश): दवाओं के सैंपल की जांच में देरी को लेकर औषधि प्रशासन विभाग ने लखनऊ स्थित प्रयोगशाला को रिमाइंडर भेजा है। इसमें जिले की 67 दवाओं की जांच रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। यह उन दवाओं के सैंपल है, जिन्हें संदेह के आधार पर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया था। महीनों बीतने के बावजूद प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट नहीं आई। जिस कारण औषधि विभाग अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने में असमर्थ है।

बता दें कि औषधि प्रशासन विभाग दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए समय-समय पर छापेमारी करता है। जिस दवा में खोट होने का संदेह होता है, उनके सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजा जाता है। नियमानुसार दो महीने के भीतर जांच रिपोर्ट आ जानी चाहिए, परंतु यहां कई नमूने ऐसे हैं जिनको चार से पांच महीने बीतने को हैं पर जांच रिपोर्ट नहीं आई। ड्रग इंस्पेक्टर देशबंधु विमल के मुताबिक, प्रयोगशाला को रिमाइंडर भेजकर जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है। क्योंकि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक दवाओं की गुणवत्ता को लेकर स्थिति स्पष्ट करना नामुमकिन है। अगर कोई नमूना फेल होता है तो रिपोर्ट दर्ज कर आगे कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।

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