आई कैंप में 15 आपरेशन सभी बने अंधेपन का शिकार

अंबाला। गत 15 वर्षों से मन्नु मार्किट अंबाला छावनी में सर्व कल्याण आंखों का चेरीटेबल अस्पताल नेत्र निकारों का निवारण कर रहा था। वर्ष 2013 में सरकार से कैंप लगा जनहित कार्य करने की अनुमति मांगी परंतु सरकार ने अस्पताल का निरीक्षण करवाने की बात कह फाइल वापिस कर दी। ऐसे में जहां न तो अस्पताल का निरीक्षण करवाया न सरकार को दोबारा पत्राचार किया। कैंप लगाने शुरू कर दिए, वह भी बिना प्रशासनिक अनुमति के, इलाज भी चेरीटेबल न होकर खर्चीला था। परंतु बड़े अस्पतालों से कम था, सो चुपचाप दुकानदारी चल निकली। प्रशासन ने भी फाइल वापिसी के बाद आवेदक की गतिविधियों पर नजर न रखी।

हाल ही में कैंप के माध्यम से ही 15 लोगों को मोतियाबिंद के लिए आपरेट किया गया। प्रत्येक से 7 से 8000/- रुपए लिए गए। आंखों की पट्टी खोलने एक के बाद एक ने दिखाई न देने अंधेरा छा जाने की शिकायत की। चिकित्सक चरणजीत ने सभी को निजी चाहनों से अपनी निगरानी में पी.जी.आई. चंडीगढ़ भेजा तथा स्वयं भी वहां पहुंचे। मामला मीडिया के संज्ञानमें आया तो स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी पी.जी.आई. पहुंचे। मरीजों का हाल चाल जाना। पूरा इलाज सरकारी खर्चें पर करवाने का आदेश देते हुए चेरीटेबल अस्पताल की पूरी जांच करने की कार्यवाही अंजाम देने को कहा। प्रत्येक को दोबारा आपरेशन के बाद 13 लोगों को अस्पताल से घर भेज दिया। इन सभी को हल्का-हल्का दिखना शुरू हो गया। शेष 2 अभी उपचाराधीन हैं। सभी की रोशनी वापिस आने में समय लगेगा।

स्वास्थ्य विभाग ने चेरीटेबल अस्पताल में निरीक्षण कर, संक्रमण का कारण जांचने हेतु उपकरण, दवाइयां, ओ.टी. के सैंपल सील कर जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि दोषियों का पता चलने पर किसी को बक्शा नहीं जाएगा।

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