दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक के खिलाफ अपील

चेन्नई। ऑनलाइन दवा कंपनियों के एक समूह ने दवा की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में अपील की है। न्यायालय की एकल पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को लेकर दिशानिर्देश न आने तक इसकी ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करने वाली फार्मेसी के संगठन डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म से जुड़े सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (टीएनसीडीए) की याचिका पर एकल पीठ की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद 6 ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों और प्लेटफॉर्म ने इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की है। डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म के संस्थापक सदस्य और फार्मईजी के सह संस्थापक धर्मिल सेठ ने कहा कि इस क्षेत्र में करीब 20 हजार लोग काम कर रहे हैं और देश में करीब 10 ऑनलाइन फॉर्मेसी फर्म हैं। करीब 15 लाख ग्राहक ऑनलाइन दवाएं खरीद रहे हैं और इस प्रतिबंध से उनके जीवन पर असर पड़ेगा। कंपनियां मांग कर रही हैं कि न्यायालय इस पर विचार करे कि वे अधिनियम के तहत किसी नियम कानून का उल्लंघन नहीं कर रही हैं। इस समय दो तरह की ऑनलाइन फॉर्मेसी हैं। एक तो पंजीकृत दवा कंपनियों को ग्राहकों से जोड़ रही हैं और दूसरी ऐसी हैं जिनके पंजीकृत फार्मासिस्ट, दवाओंं का स्टॉक और बिक्री का लाइसेंस मौजूदा कानून के तहत है। फार्म ईजी का तर्क है कि वह एग्रीगेटर मॉडल पर काम कर रही है और वह पंजीकृत दवा विक्रेताओं के साथ निकट से काम करती है और वे उपभोक्ताओं को दवाएं देते हैं। उद्योग को यह भी उम्मीद है कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर कानून आएगा। एमजी टेक्नोलॉजिज, नेटमेड्स मार्केटप्लेस, 91 स्ट्रीट्स मीडिया टेक्नोलॉजिज, मेडलाइफ इंटरनेशनल और प्राक्टो टेक्नोलॉजिज ने एकल पीठ के सामने अपना पक्ष रखा था।

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