बिना लाइसेंस के बेची जा रही दवाइयां पकड़ी

गोरखपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में परचून की दुकानों पर भी दवाएं खुलेआम बिक रही हैं। ज्यादातर ग्रामीण इस बात से अनजान हैं कि दवा बेचने के लिए लाइसेंस जरूरी होता है। उन्हें तो बस दवा खरीदने से मतलब रहता है। यह सब स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते चल रहा है। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर ऐसी ही एक शिकायत में परचून की दुकान पर सरकारी दवाएं भी मिलने का मामला सामने आया है।
जानकारी अनुसार पिपराइच के बेला कांटा चौराहे पर बिना लाइसेंस संचालित दुकान पर ड्रग इंस्पेक्टर ने छापा मारा। दुकान पर सरकारी दवाओं के साथ ही फिजीशियन सैंपल की दवाएं भी मिली। ड्रग इंस्पेक्टर ने 40 हजार रुपये की दवाएं सीज कर तीन दवाओं के सैंपल लिए हैं। मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर किसी ने इस संबंध में शिकायत की थी। डीएम के. विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार दुकान पर पहुंचे। उन्होंने दुकान में मौजूद अजहर अली से दवा बेचने का लाइसेंस मांगा, लेकिन वह नहीं दिखा सका। इसके बाद उन्होंने दुकान की दवाएं पैक करानी शुरू कर दी। दुकान में सरकारी सप्लाई की 800 गोली सेप्ट्रॉन देखकर ड्रग इंस्पेक्टर भी हैरान रह गए। उसकी दुकान में भारी मात्रा में दवाओं का बिल मिला है। बिल थोक दवा मंडी भालोटिया मार्केट का है। नियम यह है कि थोक दवा विक्रेता लाइसेंस वाले दुकानदार को ही दवाएं बेच सकता है। उन्नत मेडिकल स्टोर के पास लाइसेंस नहीं था। यानी उसके यहां मिली दवाएं भालोटिया मार्केट से गलत तरीके से बेची गई हैं। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने बताया कि उक्त दुकान से करीब 40 हजार रुपये की दवाएं सीज कर दी गई हैं। भालोटिया मार्केट की कई दुकानों का बिल मिला है। ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के तहत विवेचना कर कोर्ट में केस दर्ज कराया जाएगा।
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