अब दवाओं का ब्रांड नेम भी कराना होगा रजिस्टर्ड!

नई दिल्ली। अब एक जैसे नाम वाली दवाइयां बाजार में नहीं बिक सकेंगी। मरीजों को गलत दवा के सेवन और उसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए इस पर अमल किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार दवाओं के तकनीकी मामलों की संस्था डीटैब इस पर जल्द फैसला ले सकती है। अब ब्रांड नेम का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक ये रजिस्ट्रेशन ड्रग कंट्रोलर के पास कराना होगा। फिलहाल ब्रांड नेम का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है। बताया जा रहा है कि दवा के गलत सेवन से बचाने के लिए ये प्रस्ताव रखे गए हैं। कई कंपनियों ने मिलते-जुलते नाम वाली दवा बाजार में उतारी है। फिलहाल दवाएं जेनेरिक नेम से रजिस्टर होती है। अब जेनेरिक के साथ ब्रांड नेम भी बताना होगा। करीब 25 फीसदी दवा बाजार इस नियम की चपेट में आएगा।
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