फार्मा सेक्टर में ‘उम्मीदों के बजट’ की उल्टी गिनती शुरू

नई दिल्ली: नए वर्ष 2017 की पहली फरवरी को वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वार पेश किए जा रहे केंद्रीय आम बजट पर वैसे तो पूरे देश की निगाहें लगी हैं, लेकिन फार्मा सेक्टर विशेष तौर से बजट को लेकर क्रेजी हो रहा है। फार्मा सेक्टर के संदर्भ में बजट से उम्मीदों पर फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े ‘बड़े लोगों से बात की तो उन्होंने फार्मा सेक्टर में दवा और उपकरणों पर लगने वाले टैक्स पर संयमित रवैया अपनाने की मांग की।
उधर, पैनेशिया बॉयो टेक के संयुक्त प्रबंध निदेशक राजेश जैन कहते हैं कि कंपनी को अमेरिका में माइग्रेन की एक दवा लंच करने के लिए यूएस (अमेरिकी) एफडीए की मंजूरी मिल गई है, जिसको जल्द ही अमेरिका में लॉन्च कर दिया जाएगा। अति शीघ्र अमेरिका में 4 और दवाएं लॉन्च करने संबंधी होमवर्क भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। जैन ने कहा कि बजट में वित्तमंत्री को कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटा कर 25 फीसदी पर लाना चाहिए। एपीपीए के प्राइस कंट्रोल प्रावधान के तहत आने वाले सभी प्रोडक्टों को वैट, कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी से छूट मिलनी चाहिए। साथ ही हेल्थ केयर सेक्टर के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाए जाने चाहिए। जीडीपी के 1.3 फीसदी को वर्तमान विनियोजिन को उन्होंने पर्याप्त नहीं बताया। चीन से होने वाले इंपोर्ट पर से निर्भरता घटाने को लिए एपीआई इंडस्ट्री को और इंसेंटिव दिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने आगे कहा कि आर.एंड डी. खर्चों पर 200 फीसदी की टैक्स छूट जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में फार्मा और वेक्सीन रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए इनसेंटिव मिले और फार्मा इंडस्ट्री को जीएसटी लागू करने की तैयारी के लिए 6 महीने का समय दिया जाए।
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