दो दशक पुराने आयुर्वेद घोटाले की फिर खुली फाइल

लखनऊ। 1994-95 में आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद में हुए घोटाले का जिन्न फिर निकल आया है। घोटाले की जांच कर रही सीबीआई आरोपित दुर्गेश सक्सेना की आय से अधिक संपत्तियों के साथ ही बेनामी संपत्तियों को खंगाल रही है। जांच एजेंसी ने कई संपत्तियों का ब्योरा जुटाया है, जो दुर्गेश और उनके परिजनों के नाम दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने शहर की कुछ संपत्तियों की सूची दी है, जो किसी अन्य के नाम दर्ज हैं, लेकिन वह लोग दुर्गेश सक्सेना से जुड़े बताए जा रहे हैं। सीबीआई को नगर निगम से अभी जिन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है, उसमें नजरबाग वार्ड में कैंट रोड पर भवन संख्या 118/090 एबी चंचल सक्सेना के नाम है। चंचल दुर्गेश की पत्नी हैं।

इस भवन पर 3 लाख 85 हजार 511 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। इसी तरह विक्रमादित्य वार्ड के महात्मा गाधी मार्ग पर चंचल सक्सेना के नाम 31/ 127 ‘ए’ भवन भी है, जिसकी भवन आइडी 9157 ए01943 है। इस भवन पर भी 35 हजार 235 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। महात्मा गांधी मार्ग पर भवन संख्या 31/127 दुर्गेश कुमार सक्सेना के नाम दर्ज है। इस पर 95 हजार 12 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। हजरतगंज के नवल किशोर रोड पर भवन संख्या 43/ 007 है। इस भवन पर भी एक लाख 820 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। सीबीआइ की नजर क्ले स्क्वायर में दो मंजिला भवन (80 नंबर) पर है। सीबीआइ को जानकारी मिली है यह भवन मिथिलेश सक्सेना और दुर्गेश सक्सेना का है लेकिन नगर निगम में इस भवन संख्या के अभिलेख नहीं मिल पाए। अब नगर निगम इस भवन के अभिलेखों को जुटा रहा है।

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