रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दी काम के बहिष्कार की चेतावनी

जयपुर। स्थानीय जेके लोन अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद भडक़े परिजनों द्वारा रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ दुव्र्यवहार करने और अस्पताल में तोडफ़ोड़ की घटना को लेकर जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) ने अपना विरोध जताया है। जार्ड ने प्रभारी एवं नियंत्रक एसएमएस मेडिकल कालेज संस्थान, जयपुर को पत्र लिखकर अस्पताल में हुई हिंसक घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने, डॉक्टर्स के साथ बदतमीजी करने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। जार्ड ने चेताया है कि यदि 24 घण्टे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्य का अनिश्चितकालीन बहिष्कार करने को मजबूर होंगे। पत्र में यह भी मांग की गई कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जाएं तथा इस घटनाक्रम में दोषी सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि प्रदेश के सबसे बड़े शिशु अस्पताल जेके लोन में बीती 8 जून को एक बच्चे की मौत हो गई थी। मृतक बच्चे के परिजनों ने रेजीडेंट डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि उन्हें आईसीयू नहीं मिल सका और इस कारण उनके बच्चे की मौत हो गई। नाराज परिजनों ने अस्पताल में काफी देर तक बवाल काटा। आखिर पुलिस के समझाने और रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आश्वासन पर मामला शांत हो सका। वहीं, इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना था कि आईसीयू की जरूरत होते ही उपलब्ध कराया जाता है। इस वजह से किसी की मौत नहीं होने दी जाती। फिलहाल इस घटना में अपने साथ हुए दुव्र्यवहार को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों में भारी रोष पनपा हुआ है और उन्होंने अपने खिलाफ कोई कार्रवाई न होने और सुरक्षा देने की मांग की है।
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