दवाओं के लिए भी बनेगा बार कोड, होगी असली-नकली की पहचान!

नई दिल्ली। दैनिक जरूरत की वस्तुओं की तर्ज पर अब दवाओं पर भी बार कोड लगाने की तैयारी की जा रही है। इससे असली और नकली दवा की पहचान आसान हो जाएगी। यही नहीं, कॉस्मेटिक सामग्री पर भी बार कोड लगाया जाएगा ताकि ग्राहक को प्रोडक्ट के शाकाहारी या मांसाहारी होने का पता चल सके। दरअसल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में मिलावट की जानकारी नहीं होती और कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में जानवरों की चर्बी होती है, ऐसे में अब ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की ओर से इस प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा।
वहीं, दवाओं को भी अब आधार नंबर मिलेगा ताकि नकली दवाओं की पहचान आसान की जा सके। मोबाइल नंबर पर बार कोड भेजने के बाद आपको इंटेलिजेंस सेल की ओर से दवा असली है या नकली, इसकी पुष्टि की जाएगी। इसके लिए 300 दवाओं के साथ पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी की जा रही है। इस योजना के तहत सरकार के पास दवा से जुड़ा पूरा डाटा होगा। साथ ही सरकार मेडिकल डिवाइस के इंपोर्ट, इसके निर्माण और बेचने पर भी नजर रखने की तैयारी में है। मेडिकल डिवाइस के इंपोर्ट, बिक्री और निर्माण के लिए ड्रग कंट्रोलर की मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल नोटिफाइड 23 मेडिकल डिवाइसेज को छोडक़र किसी पर भी सरकारी नियंत्रण नहीं है। घटिया मेडिकल डिवाइसेज से मरीजों की हालत बिगडऩे के मामलों के बाद सरकार ने इस तरह का कदम उठाने का फैसला लिया है।
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