अब नहीं बच पाएंगी फार्मा मार्केटिंग कंपनियां!

नई दिल्ली। सरकार ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 में बदलाव करने की तैयारी में है। अभी दवा की गुणवत्ता में कमी होने, मरीजों को साइड इफेक्ट होने या फिर बिना मंजूरी दवा निर्माण की चोरी पकड़े जाने पर सारा आरोप दवा मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनियों पर डालकर फार्मा मार्केटिंग कंपनियां बचकर निकल जाती हैं। अब सरकार जल्द ही एक कानून लाने जा रही है जिसके बाद फार्मा उत्पादों में कोई भी दिक्कत होने पर जितनी जिम्मेदारी मैन्युफैक्चरर की होगी, उतनी ही मार्केटिंग कंपनी की भी होगी। सरकार के इस कदम से दवा, कॉस्मेटिक्स की मार्केटिंग वाली कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी।
इसके तहत प्रोडक्ट की गुणवत्ता खराब होने पर मार्केटिंग कंपनियां भी दोषी होंगी यानि अब मार्केटिंग कंपनियां, मैन्युफैक्चरर पर दोष मढक़र बच नहीं सकेंगी। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में प्रावधान के तहत फिलहाल निर्माता कंपनी को ही दोषी माना जाएगा। सरकार इसके लिए जल्द नोटिफिकेशन भी जारी करने जा रही है। इसमें 70 फीसदी दवा के पत्तों, शीशी पर नाम अलग-अलग होगा। मैन्युफैक्चरर और मार्केटर का नाम अलग-अलग होगा। नियमों के उल्लंघन पर 6 महीने की जेल का प्रावधान संभव है और उम्र कैद का प्रावधान भी हो सकता है। एक ही कंपनी कई मार्केटिंग कंपनियों के लिए दवा बनाती है।
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