नए ब्लड टेस्ट से पता चलेगा पुराना दर्द 

जालंधर। अब नए ब्लड टेस्ट से मरीज के शरीर में पुराने दर्द की भी पहचान की जा सकेगी। ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने इस ब्लड टेस्ट की खोज की है। उनका कहना है कि आमतौर पर कई बार रोगी डॉक्टर को यह बताने में असमर्थ रह जाता है कि उसे कहां दर्द हो रहा है और वह कैसा महसूस कर रहा है। इस कारण डॉक्टर को सही इलाज करने में समस्या आती है। इस ब्लड टैस्ट के बारे में बताया गया है कि यह दुनिया का पहला टेस्ट है जो दर्द से पीडि़त रोगी के बिना बोले भी रिपोर्ट के जरिए दर्द से जुड़े लक्षणों को दिखाएगा। इससे समय रहते बीमारी के बढऩे से पहले मरीज का इलाज कर पाना सम्भव होगा। इस नए टेस्ट का सिडनी में आयोजित फैकल्टी ऑफ पेन मेडिसिन (स्नक्करू) इवेंट के दौरान इसी हफ्ते परीक्षण करते हुए खुलासा किया गया है। इस टैस्ट के दौरान पुराने दर्द से पीडि़त मरीज के शरीर से खून निकालकर टेस्ट किया गया है।
इसमें इम्यून सेल्स के रंग में बदलाव देखा गया जिससे मरीज पुराने दर्द से ग्रस्त है, यह सिद्ध हो गया। इस रिसर्च को लीड कर रहे न्यूरोसाइंटिस्ट मार्क हचिन्सन ने कहा है कि रोगी के दर्द को खत्म करने के लिए यह टेस्ट एक नया रास्ता बनकर सामने आएगा। यह ब्लड टेस्ट बीमारी का इलाज करने में तो मदद करेगा ही, साथ ही इलाज करने के लिए सही दवा देने में भी डॉक्टर को मदद मिलेगी। इस टेस्ट के जरिए तुरंत रिजल्ट्स मिलते हैं जिससे समय की बचत होती है। हचिन्सन ने कहा है कि टेस्ट के जरिए रंग बदलने पर हमें पता लगा कि रोगी के शरीर में काफी समय से किसी प्रकार का दर्द मौजूद है। इसके अलावा इस टेस्ट के जरिए शरीर में होने वाले दर्द को लेकर भविष्यवाणी भी की जा सकती है। हमने पता लगाया है कि शरीर में ऐसे कई दर्द मौजूद होते हैं जिनमें लगातार दर्द नहीं रहता है लेकिन अब इस टेस्ट के जरिए ऐसे दर्दों का भी पता लगाना सम्भव होगा।
हचिन्सन रिसर्च ने शोध से पता लगाया है कि इम्यून सेल्स शरीर में दर्द होने पर वास्तव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम एक नई तरह की दवा को बनाने में लगे हुए हैं जो पेन किलर होने की बजाए इम्यून सिस्टम को टार्गेट करेगी जिससे रोगी को जल्द ठीक किया जा सकेगा। इस ब्लड टेस्ट के लिए खून शरीर के किस भाग से व कितनी मात्रा में लिया जाएगा, इसकी कोई जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। हालांकि, इतना जरूर पता लगा है कि इस टेस्ट को करने वाले उपकरण व प्रक्रिया को आगामी 18 महीनों में उपलब्ध कर दिया जाएगा।
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