कैमिस्ट बेच रहे प्रतिबंधित दवा

बेतिया (बिहार)। शहर में दवा का कारोबार मात्र पैसा कमाने का धंधा बन गया है। इस पेशे से जुड़े सैकड़ों लोग आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं। इनमें न केवल कैमिस्ट बल्कि भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। इनकी मिलीभगत से यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। गांवों से लेकर जिला मुख्यालय में भी इस धंधे को बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। क्षेत्र में कई दवा दुकानें बिना पंजीकरण के ही धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। जो पंजीकृत हैं वे भी विभाग की ओर से तय मानकों की अनदेखी कर रही हैं। यानी ये भी कई ऐसी दवाएं बेची जा रही हैं जो प्रतिबंधित हैं। हालांकि इसकी सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगी लेकिन विभागीय जानकारों की मानें तो इसमे तनिक भी संदेह नहीं हैं कि ये दवा दुकान हर रोज आम आदमी के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सैम्पल, जेनरिक सहित एक्सपायरी दवाएं बेरोक-टोक बेची जा रही हैं। खास कर ग्रामीण इलाकों में। यहां तो प्रतिबंधित दवाएं बेच कर एक तरफ जहां दुकानदार मालामाल हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आम आम आदमी अपने जीवन की जंग से हार रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों या औषधि निरीक्षकों को नहीं है, बल्कि वे सब कुछ जानकर भी रहस्मय ढंग से मौन है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो शायद पिछले कई माह से छापेमारी नहीं हुई है। पहले जिन दवा दुकानदारों के खिलाफ छापेमारी हुई भी हैं उनमें अधिकांश के बाद कार्रवाई नहीं की गयी। नतीजतन इनके हौसले आज भी बुलंद हैं। इस संबंध में बेतिया के सिविल सर्जन डा. लक्ष्मीनारायण सिंह ने कहा कि दवा जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभियान चलाकर ऐसे कारोबारियों के खिलाफ छापेमारी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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