17 राज्यों में गिरा लिंगानुपात

नई दिल्ली। देश के 17 राज्यों में लिंग अनुपात का आंकड़ा नीचे आ गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा गिरावट गुजरात में 53 अंकों के साथ दर्ज की गई है। गुजरात में 1000 लडक़ों की तुलना में लड़कियों की संख्या 854 है। पहले यह संख्या 907 थी। रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 35, महाराष्ट्र में 18, हिमाचल प्रदेश में 14, छत्तीसगढ़ में 12, राजस्थान में 32, उत्तराखंड में 27 और कर्नाटक में 11 अंकों की गिरावट हुई है। पंजाब में लिंग अनुपात में सबसे ज्यादा 19 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 10 और बिहार में 9 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को कन्या भ्रूण हत्या और लड़कियों के महत्व को लेकर कैंपेन करने की जरूरत है जिससे लिंग अनुपात में सुधार हो सके।

नीति आयोग की इस रिपोर्ट से पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को गहरा धक्का पहुंचा है। लिंग अनुपात पर अगर नियंत्रण नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस रिपोर्ट को लेकर समाजशास्त्रियों का कहना है कि आर्थिक परिस्थितियों के चलते ग्रामीण इलाके में भी अब एक बच्चे पर जोर दिया जाने लगा है। ऐसे में घटते लिंग अनुपात पर नियंत्रण रखने के लिए गंभीरता से सोचने की जरूरत है। घट रहे लिंग अनुपात से साफ पता चलता है कि कड़े कानून के बावजूद कन्या भ्रूण हत्या लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि हरियाणा में गर्भपात कराने के मामले में 50 से ज्यादा डॉक्टर सलाखों के पीछे हैं। गुजरात में भी ऐसे दर्जनों मामले दर्ज हैं लेकिन किसी भी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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