औषधि निरीक्षक पर कार्रवाई

ललितपुर। विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेने की आरोपी औषधि निरीक्षक को ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया है। औषधि निरीक्षक को मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बनवाने के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। विजिलेंस ने आरोपी को सीजेएम न्यायालय में पेश किया था।

बता दें कि ललितुपर में करीब दो सौ मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। मेडिकल स्टोर के लिए निर्धारित मानक पूरे करते हुए लाइसेंस लेने के लिए औषधि विभाग में आवेदन करना होता है। इसके बाद औषधि निरीक्षक द्वारा उक्त स्थल और लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदक का सत्यापन किया जाता है। इसके बाद निर्धारित मानक पूरे मिलने के बाद औषधि निरीक्षक द्वारा मेडिकल स्टोर के लिए उक्त आवेदक को लाइसेंस जारी किया जाता है। इसके बाद उक्त आवेदक लाइसेंस के आधार पर मेडिकल स्टोर संचालित कर सकता है।

जनपद में मेडिकल स्टोर के लिए आवेदकों द्वारा जब लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है तो सत्यापन के दौरान तमाम प्रकार की कमियां बताकर अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उक्त आवेदकों से मनमाना अवैध रूप से सुविधा शुल्क वसूला जाता है। जब कोई आवेदक उक्त विभागीय अधिकारियों की मंशा पूरी नहीं करता है तो उसे लाइसेंस में कमियां बताकर आवेदन निरस्त कर दिया जाता है और जो भी अधिकारियों की यह मंशा पूरा कर देता है, उसे लाइसेंस आसानी से बिना किसी परेशानी के जारी कर दिया जाता है।

इसी प्रकार के एक मामले में रिश्वत मांगने की शिकायत पर झांसी की विजिलेंस टीम ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित औषधि एवं खाद्य प्रशासन विभाग कार्यालय में छापा मारा और औषधि निरीक्षक प्रीति सिंह को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था और टीम द्वारा उक्त महिला अधिकारी के खिलाफ थाना कोतवाली पुलिस में 7/13 (1)डी सपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इसके बाद बिजिलैंस टीम ने उक्त महिला अधिकारी को लखनऊ स्थित विजिलेंस न्यायालय ले जाने के लिए सतर्कता अनुष्ठान झांसी के निरीक्षक राजेश कुमार सिंह ने ड्रग इंस्पेक्टर को सीजेएम न्यायालय में पेश करते हुए ट्रांजिट रिमांड मांगी, इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने उक्त मामले में विजिलेंस टीम को ड्रग इंस्पेक्टर को लखनऊ ले जाने के लिए 24 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दे दी। ट्रांजिट रिमांड मिलते ही बिजिलैंस की टीम उक्त महिला अधिकारी को महिला आरक्षियों की मदद से लखनऊ ले गई। विजिलेंस टीम द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर को जैसे ही न्यायालय लेकर पहुंची वहां मौजूद अधिवक्ता और वादकारियों की भीड़ जमा हो गई और सभी उक्त महिला अधिकारियों के रिश्वत लेने के बारे में बातें करते रहे। विजिलेंस टीम जब ड्रग इंस्पेक्टर प्रीति सिंह को सीजेएम न्यायालय ले गई तो वहां मौजूद एक व्यक्ति ड्रग इंस्पेक्टर की फोटो लेने लगा। यह देख विजिलेंस टीम के साथ मौजूद एक महिला आरक्षी ने उक्त व्यक्ति को मोबाइल छीन लिया और मोबाइल से ली गई फोटो डीलिट कर दी। इस पर उक्त फोटो लेने वाला व्यक्ति ड्रग इंस्पेक्टर के लिए अपशब्द कहते हुए गुस्साए अंदाज में बाहर चला गया।

 

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