सरकार की दवा प्राइसिंग नीति गड़बड़

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने दवाएं महंगी होने के लिए सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एक ही तरह की दवाएं तीन अलग-अलग कीमतों पर बिक रही हैं। दवा कंपनियां डॉक्टरों को महंगी दवा लिखने का लालच देती हैं। इसे रोकने के लिए सरकार एक दवा, एक कीमत तय करे। एसोसिएशन ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित जरूरी दवाओं की सूची के हिसाब से दवाएं लिखें। दायरे से बाहर की दवा लिखते समय मरीज को कारण बताएं। डिस्पोजेबल को जरूरी दवाओं की सूची में शामिल कर उसकी कीमत निर्धारित की जाए।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हाल की कुछ घटनाओं के बाद से डॉक्टर और मरीज, दोनों ही तनाव में है। मरीज और डॉक्टर के बीच रिश्तों में भरोसा डगमगा रहा है। निजी अस्पतालों पर अकसर ये आरोप लगते हैं कि दवा कंपनियों से साठगांठ कर दवाओं के मनमाने मूल्य प्रिंट करवाते हैं। दवाओं पर अलग से सेवा शुल्क लेने का भी आरोप लगता है। एसोसिएशन के पदाधिकारी शीघ्र दिल्ली सरकार से मिलकर आगामी रणनीति बनाएंगे।

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