कैमिस्ट और ड्रग विभाग में टकराव!

मेडिकल स्टोर

सीतापुर: ग्रेस पीरियड निकल जाने के बावजूद रिनुअल नहीं कराने पर 200 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। जिन मेडिकल स्टोरों से फार्मासिस्ट इस्तीफा दे चुके हैं और वह फिर भी संचालित हो रहे हैं, उन्हें भी चिह्नित किया गया है। यह जानकारी देते हुए जिला औषधि (ड्रग) निरीक्षक नवीन कुमार ने बताया कि ऐसे तमाम मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।

जिले में रिटेल दवाओं के 1570 मेडिकल स्टोर पंजीकृत हैं जबकि थोक दवाओं के 302 लोगों के पास विक्रय लाइसेंस है। इसमें से 200 मेडिकल स्टोर ऐसे हैं, जिनकी रिनुअल तिथि निकल चुकी है। तिथि निकल जाने के बाद मिलने वाला छह महीने का ग्रेस पीरियड भी खत्म हो चुका है। कई मेडिकल स्टोर ऐसे भी हैं, जिनके यहां से फार्मासिस्ट इस्तीफा दे चुके हैं। फिर भी धड़ल्ले से दवाएं बेची जा रही हैं। औषधि विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर दवा बेचने वाले कैमिस्टों की सूची तैयार कर ली है। बाकायदा रिपोर्ट बनाकर शासन को सूचित किया गया है। निर्देश मिलते ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस देकर लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इधर, औषधि विभाग के एक्शन की भनक लगते ही दवा व्यापारियों में हडक़ंप मच गया है। उन्होंने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें कहा है कि फार्मासिस्टों की मनमानी से दवा कारोबार करना मुश्किल हो रहा है। फार्मासिस्ट 60 से 80 हजार रुपये तक प्रति वर्ष डिमांड कर रहे हैं, जिसे पूरा करना मुमकिन नहीं है। दवा व्यापारियों ने फार्मासिस्टों की अनिवार्यता समाप्त किए जाने की मांग की है।

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