दवा विक्रेता गिरफ्तार, एमआरपी से कई गुणा दाम पर बेचा इंजेक्शन

त्रिवेणीगंज (बिहार): स्थानीय रेफरल अस्पताल के स्टॉक में दवाइयां होने के बावजूद मरीजों को बाजार से दवाइयां खरीदने पर विवश किया जा रहा है। इसका फायदा दवा दुकानदार जमकर उठा रहे हैं और वे मरीजों -तीमारदारों से दवा की एमआरपी से भी अधिक कीमत वसूल रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में दवा के कई गुणा दाम लेने पर पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार किया है।

जानकारी अनुसार गुडिय़ा गांव के एक मरीज ने किसी कारणवश जहर का सेवन कर लिया। ग्रामीणों ने उसे इलाज के लिए तुरंत रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक ने अस्पताल में दवा उपलब्ध होने के बावजूद मरीज के परिजनों को बाहर की दुकान से दवा खरीदकर लाने को विवश किया। चिकित्सक की पर्ची पर लिखे रेड पाम इंजेक्शन जिसका वास्तविक मूल्य 190 रुपए है, को दुकानदार ने दो हजार रुपये में बेचा। इसकी शिकायत एसडीओ विनय कुमार सिंह से की गई। एसडीओ ने दवा दुकान पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की तो शिकायत सही पाई गई।

दुकानदार को गिरफ्तार कर त्रिवेणीगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है। उधर, अस्पताल में जाकर जांच की तो पता चला कि डॉक्टर की पर्ची पर लिखी पांचों दवाइयां अस्पताल में ही उपलब्ध थी, लेकिन ये मरीज को नहीं दी गई। इस संबंध में अस्पताल के हैल्थ मैनेजर तथा एएनएम ने कहा कि दवा सिर्फ इमरजेंसी मरीजों को दी जाती है। इससे स्पष्ट है कि रेफरल अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए दवा नहीं दी जाती और दवा विक्रेताओं से मिलीभगत कर मरीजों का शोषण किया जाता है। इस मामले में एसडीओ विनय कुमार सिंह ने डीएम को पत्र लिखकर रेफरल अस्पताल तथा दवा विक्रेता की जांच ड्रग इंस्पेक्टर से कराने की मांग की।

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