दवाइयां एक्सपायर होने को आईं तो जागा अस्पताल प्रशासन

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बच्चों के लिए मंगाई थी स्वाइन फ्लू की दवा – वापसी के लिए सीएमओ को पत्र लिखने के आदेश

हल्द्वानी (उत्तराखंड)। बच्चों को स्वाइन फ्लू होने पर दी जाने वाली दवा की एक्सपायरी डेट पास आई तो अस्पताल प्रशासन नींद से जागा। मामला संज्ञान में आने पर जिला संक्रामक रोग विश्लेषक अधिकारी ने संबंधित फार्मासिस्ट को दवा वापसी के लिए सीएमओ को पत्र लिखने को कहा है।

गौरतलब है कि जिला संक्रामक रोग विश्लेषक अधिकारी स्थानीय सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) के बाल रोग वार्ड में डायरिया पीडि़त बच्चों को देखने पहुंचे। फार्मासिस्ट एलएम भट्ट ने उन्हें बताया कि अस्पताल में ‘फ्लूविर सीरप’ (बच्चों को स्वाइन फ्लू होने पर दिया जाने वाला) के दो सौ वायल पड़े हुए हैं। इन्हें 2016 में मंगाया गया था। यह दवा अगले माह एक्सपायर हो जाएगी। साथ ही टैमीफ्लू की पांच सौ टेबलेट हैं और इनकी एक्सपायरी 2020 में है।

भट्ट ने दवा वापस लेने को कहा तो जिला संक्रामक रोग विश्लेषक अधिकारी ने दवा वापसी के लिए सीएमओ को पत्र लिखने की सलाह दी। अब अस्पताल प्रशासन इन दवाइयों को वापस भेजने की तैयारी में जुट गया है। इस बारे में सीएमओ डॉ. एचके जोशी ने बताया कि नियमानुसार दवाओं की एक्सपायरी से तीन माह पहले सूचना देनी होती है। समय पर दवा के एक्सपायरी होने की सूचना क्यों नहीं दी, इस पर फार्मासिस्ट से जवाब-तलब किया जाएगा। एसटीएच में दवाओं की एक्सपायरी का रजिस्टर बना है या नहीं, ये भी जांच का विषय है। सीएमओ से यह पूछने पर कि इतनी कम अवधि की एक्सपायरी दवा क्यों खरीदी गई तो वे बोले कि इसकी मुझे जानकारी नहीं है।

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