ललित गोयल के ज्ञान के छिपी चेतावनी समझें

होलसेल दवा विक्रेताओं ने किया रिटेल तो परिणाम भुगतने को रहें तैयार

अम्बाला

अम्बाला रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन की सामान्य जनरल बॉडी बैठक असाधारण एवं अति आवश्यक विषय के बाद ऐतिहासिक बैठक का रूप धारण कर गई। बैठक का कोई विशेष एजेंडा तो सार्वजनिक नहीं था परंतु सभी सदस्यों के मन में 344 मिश्रणों वाली सरकारी नोटिफिकेशन को ले कर शंकाएं भरी थी कि हम सालों से जो दवाएं चिकित्सक की पर्ची पर रोगी को देते है यदि प्रतिबंधित हो गई तो उनका (रिटेलरों) भविष्य अंधकार में चला जाएगा। वहीं थोक दवा विक्रेताओं द्वारा खुले आम रिटेलिंग करना ड्रग्स एंड कास्मेटिक एकट की उल्लंघना भी है और रिटेलरों को व्यापार पर कैंची चलाने जैसा भी।
जैसे ही बैठक शुरू हुई बैठक में विशेष तौर पर मौजूद सीनियर ड्रग कंट्रोल अधिकारी कम लाइसेंसिंग आथॉरिटी अम्बाला जोन ललित गोयल और ड्रग कंट्रोल आफिसर अम्बाला दिनेश राणा के समक्ष रिटेलरों ने पहले होल सेलरों द्वारा रिटेल करने (पीछे मरीजों को दवाइयां बेचना) संबंधी मुद्दा उठा तो दिनेश राणा ने चौंकते हुए कहा कि यदि आप लोग एक स्वर में कह रहे हो तो सच ही होगा। होलसेल दवा व्यापारियों द्वारा सीधे मरीजों को दवा देना नियमानुसार पूर्ण रूप से गलत है। मैं स्वयं गुप चुप तरीके से फर्जी ग्राहक भेज कर थोक दवा विक्रेताओं की इस कार्यप्रणाली का कड़ा संज्ञान ले विभागीय नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने का काम करूंगा। यदि किसी के पास ऐसी अनियमितता के प्रमाण हों तो उन्हें निजी तौर पर या संगठन के माध्यम से उपलब्ध करवाए, नाम गुप्त रखा जाएगा।
राज्य औषधि प्रशासन में काबिल अफसर कहे जाने वाले ललित गोयल ने रिटेलरों की इच्छा को देखते हुए ज्ञानवर्धन किया कि होमियोपैथी दवा कलकेरिया फॉस (बच्चों में दंत निकलते समय दी जाने वाली दवा) बिना होमियोपैथी लाइसेंस के बेची जा सकती है। रिटेलर इसकी खरीद होमियो लाइसेंसधारी से बिल लेकर बिल पर बेचें। एम.टी.पी. किट को बेचना प्रतिबंधित नहीं है। इसे सरकार से अनुमति प्राप्त डॉ. की पर्ची पर सही विवरण का रिकार्ड रखकर बेच सकते हैं। एन.डी.पी.एस. श्रेणी में आने वाली दवाओं की सूची जारी करते हुए कहा कि इन दवाओं को बिना बिल के क्रय-विक्रय न करें।
डाक्टरों के दवाइयां स्टाक एवं विक्रय के सवाल पर बताया कि डॉ. केवल शेड्यूल की दवाइयां रख व बेच सकता है यदि अन्य दवाओं के स्टाक व विक्रय करता है तो उसे एक-एक गोली, शीशी, इन्जेक्शन  व स्टाक में मौजूद दवाओं का पूरा रिकार्ड हर समय अपडेट रखना होगा।
जिसे ड्रग कंट्रोल आफिसर किसी भी समय जांच और कार्यवाही कर सकता है। रिटेलर किसी भी फैक्ट्री के नाम दवाइयों का बिल नहीं काट सकता। फैक्ट्री में बी.ए..एम.एस. डा. की मौजूदगी होने पर उस डा. का नाम दवाओं का बिल काट सकता है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर डाइकलोफेनिक इंजेक्शन मल्टी डोज को प्रतिबंधित किया हुआ है। अत: उसका निर्माण क्रय-विक्रय अवैध है। इस मौके पर राज कुमार शर्मा, ग्रीशदूआ, पंकज शर्मा, नवनीत खन्ना, भारत भूषण , मनोज शर्मा, सुरेन्द्र, संदीप शर्मा एवं बड़ी संख्या में रिटेलर मौजूद थे।
Advertisement