चंडीगढ़
अनोखे अंदाजों के लिए पहचाने जाने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार अपने फैसले से सबका ध्यान खींच लिया है। दरअसल, राज्य का स्वास्थ्य विभाग मरीजों को मनमर्जी का इलाज उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। चिकित्सा पद्धति का एक ऐसा कॉम्बो पैक मरीज को मिलेगा, जिसमें एक एमबीबीएस डॉक्टर और एक आयुर्वेदिक चिकित्सक शामिल होगा। मरीज की मर्जी होगी कि वह एलोपैथी में उपचार कराना चाहेगा या आयुर्वेदिक पद्धति से स्वास्थ्य लाभ लेगा। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी से चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का यह नया फार्मूला कारगर कितना होगा, आगे की बात है, लेकिन फिर भी राहत की खबर तो है ही।
अनोखे अंदाजों के लिए पहचाने जाने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार अपने फैसले से सबका ध्यान खींच लिया है। दरअसल, राज्य का स्वास्थ्य विभाग मरीजों को मनमर्जी का इलाज उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। चिकित्सा पद्धति का एक ऐसा कॉम्बो पैक मरीज को मिलेगा, जिसमें एक एमबीबीएस डॉक्टर और एक आयुर्वेदिक चिकित्सक शामिल होगा। मरीज की मर्जी होगी कि वह एलोपैथी में उपचार कराना चाहेगा या आयुर्वेदिक पद्धति से स्वास्थ्य लाभ लेगा। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी से चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का यह नया फार्मूला कारगर कितना होगा, आगे की बात है, लेकिन फिर भी राहत की खबर तो है ही।
सरकार ने राज्य के सभी 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए तय मापदंड बदलने का फैसला किया है। पीएचसी के लिए तय मापदंड बदलने का मरीजों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा होगा। मरीजों को जहां दो तरह के डॉक्टर उपलब्ध होंगे, वहीं सरकार को 400 से अधिक सरप्लस डॉक्टर मिलेंगे, जो जिला अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं दे सकेंगे। दरअसल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमबीबीएस के 2 और बीडीएस का एक पद स्वीकृत है। बड़ी संख्या में ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां एमबीबीएस का एक-एक डॉक्टर ही नियुक्त है। कुछ केंद्र ऐसे भी हैं, जहां एक भी डॉक्टर नहीं है। और वैसे भी एमबीबीएस डॉक्टर ग्रामीण इलाकों को सेवा देने में नाखुशी जाहिर करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री विज के आदेशों के बाद मंत्रालय ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए तय मापदंड बदल दिए हैं। यही नहीं, इन स्वास्थ्य केंद्रों में पहले चरण में 125 आयुर्वेदिक डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। अगले कुछ दिन में ही इनके नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमबीबीएस की एक ही पोस्ट रहने के बाद जो एमबीबीएस सरप्लस होंगे, उनकी सूची तैयार करके मंत्रालय को सौंपी जाएगी ताकि उनकी नियुक्ति नए स्टेशनों पर की जा सके।
विज भी मानते हैं कि डॉक्टरों की कमी है और भर्ती में भी बेहतर डॉक्टर नहीं आ रहे। इसी वजह से अब एमबीबीएस और विशेषज्ञ डॉक्टर का कैडर अलग-अलग करने का फैसला हुआ है। आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमबीबीएस के साथ एक आयुर्वेदिक डॉक्टर का पद स्वीकृत किया जा रहा है। प्रदेश में जल्द ही 450 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से हर रोग का ईलाज किया जा सकता है।
जींद में होगा पंचकर्म और एक्स-रे की नवीन तकनीक
जींद में पंचकर्म केंद्र का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पद्धति का मानव शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ता। राज्य सरकार द्वारा सभी नागरिक अस्पतालों में एक- एक आयुष विंग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। विज ने कहा कि प्रथम चरण में प्रदेश में एक हजार योगशालाएं खोली जाएगी, जिनपर आगामी माह से कार्य शुरू किया जाएगा। योगशालाओं में योग क्रियाएं करवाने के लिए जल्द ही 1100 योग प्रशिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी। सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे की नवीन तकनीक भी जल्द ही शुरू की जाएगी। इस नवीन तकनीक के माध्यम से अगर कोई रोगी यदि किसी अन्य अस्पताल में अपना एक्स-रे करवाता है उस एक्स-रे को जीन्द के नागरिक अस्पताल में भी डाक्टर ऑनलाइन देख सकते है। इस तकनीक से रोगियों को त्वरित आधार पर ईलाज करवाने में फायदा होगा।