एनपीपीए ने तय की 54 दवाओं की कीमत

नई दिल्ली: राष्ट्रीय औषधि कीमत निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने बैक्टीरिया से जुड़े संक्रमण, कैंसर, आर्थराइटिस और अस्थमा संबंधित 54 और दवा फॉम्र्यूलेशन पैक की अधिकतम कीमतें तय कर दी हैं।
इनके अलावा नियामक एनपीपीए ने दो दवाओं की खुदरा कीमतें भी फिक्स कर दी हैं। इसकी वजह से कुछ दवाओं के मूल्य में कमी आ सकती है। नियामक ने दवा (कीमत नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2016 के तहत यह कदम उठाया है। इसी महीने दवा नियामक ने 70 ड्रग फॉम्र्यूलेशन पैक की कीमतों को तय किया था। पिछले महीने भी नियामक ने एच आइवी, टीबी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी दवाएं के इलाज में काम आने वाले 103 दवा फॉम्र्यूलेशन पैक की कीमत फिक्स करने का एलान किया था। सरकार आवश्यक दवाओं के दाम किसी खास औषधि सेगमेंट में सभी दवाइयों के औसत मूल्य के आधार पर तय करती है। इसके दायरे में सेगमेंट की एक फीसद से ज्यादा बिक्री करने वाली दवाएं ही आती हैं। इसके अलावा अन्य सभी दवाओं की कीमतों का भी नियमन करती है। दवा कंपनियों को एक साल में इनके दाम अधिकतम 10 फीसद तक ही बढ़ाने की इजाजत है।
सरकार ने दवा मूल्य नियंत्रण आदेश यानी डीपीसीओ 2013 को 15 मई, 2014 को अधिसूचित किया था। इसके दायरे में 680 फॉम्र्यूलेशन शामिल हैं। इससे पहले सिर्फ 74 बल्क ड्रग्स की कीमत तय करने का ही सरकार को अधिकार था। दवा कीमतों पर नियंत्रण रखने के मकसद से ही केंद्र सरकार ने वर्ष 1997 में एनपीपीए बनाया था। उसके पास फार्मा
उत्पादों की कीमतें तय करने, संशोधन करने और डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने का अधिकार है। इसके अलावा एनपीपीए नियंत्रित और अनियंत्रित दवाओं की कीमतों पर भी निगरानी रखता है।
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