बाजार से महंगी दवा खरीदने को मजबूर

ग्वालियर। सरकार के लाख दावों के बावजूद सरकारी अस्पतालों और औषधि केंद्रों पर मरीजों को नि:शुल्क दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले रोगी पर्ची पर लिखी दवाएं बाजार से महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं। स्थानीय जयारोग्य अस्पताल का भी यही हाल है। हालांकि यहां का दवा स्टोर ऑनलाइन हो चुका है। लेकिन नेट पर सभी दवाएं दिखाने के बावजूद दवाएं कम बताई जाती हैं। डॉक्टर पर्चे पर यदि पांच दवाएं लिखकर देता है तो दो ही मिलती हैं, बाकी 3 दवाएं बाजार से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती हैं। यहां आने वाले मरीजों का कहना है कि भीषण गर्मी में घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद जब नंबर आता है तो स्टोर कर्मी पांच में से 2 दवाएं देकर बाकी बाहर से खरीदने को कहते हैं। जेएएच के मुख्य स्टोर में मरीजों को जो दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं उनमें बच्चों के सिरप, चर्म रोग के लिए लोशन,  (ट्यूब), ब्लड प्रेशर और पेट दर्द में काम आने वाली डायक्लोफेनेक, रेन्टिडाइन सहित कई दवाइयां शामिल हैंं।
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