इस इंजेक्शन में दवा की जगह भरा है पानी 

रांची। झारखंड राज्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की खरीदी गई दवा जांच में नकली पाई गई है। इसमें दवा की जगह सिर्फ लिक्विड मिला है। कॉरपोरेशन ने 2018 में एंटी रिएक्टिव इंजेक्शन (डेक्सामेथासोन सोडियम फॉस्फेट) की खरीद की थी। इसका निर्माण जैक्सन लेबोरेटरी, अमृतसर ने किया है। उक्त इंजेक्शन का दिसंबर 2017 में बने एक बैच (संख्या 1-15826) का सैंपल, जांच में फेल पाया गया है।
सूचना के अनुसार इस बैच के करीब 65 हजार वॉयल इंजेक्शन थे। औषधि निदेशालय के अनुसार उक्त इंजेक्शन में सिर्फ पानी है। इसमें दवा डाली ही नहीं गई है। हालांकि विभिन्न जिलों में भेजे गए इस इंजेक्शन में से ज्यादातर उपयोग हो चुके हैं। इस एंटी रिएक्टिव इंजेक्शन का उपयोग किसी एलर्जी को दूर करने में होता है। कॉरपोरेशन ने इस इंजेक्शन की जांच दिल्ली के लैब से कराई थी। इस लैब की जांच में इंजेक्शन को ठीक बताया गया था। इसके बाद कंपनी को भुगतान कर दवा राज्यभर में वितरित कर दी गई। श्रावणी मेले के दौरान राज्य के औषधि निरीक्षक (ड्रग इंस्पेक्टर) ने देवघर से इस इंजेक्शन का सैंपल लिया था। सरकारी लैब में इसकी जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।
दरअसल, कॉरपोरेशन ने सरकार से निबंधित देश की कुछ निजी ड्रग टेस्ट लैब को सूचीबद्ध (इंपैनल्ड) किया है। दवा की खरीद के दौरान इन्हीं लैब में सभी दवाओं की जांच कराई जाती है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर दवाओं की खरीद फाइनल होती है तथा दवाओं को उपयोग के लिए राज्यभर के सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाता है। हालांकि सरकार अपने लैब की जांच को ही मान्यता देती है। अब उक्त इंजेक्शन की निर्माता कंपनी पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।  औषधि निदेशक ऋतु सहाय ने बताया कि जांच में पाया गया कि उक्त इंजेक्शन में दवा थी ही नहीं। हम दूसरे बैच की भी जांच कर रहे हैं। अब प्राथमिकता इस दवा के उपयोग को रोकने की है। सभी जिलों से कहा गया है कि वे इस इंजेक्शन का उपयोग तत्काल रोक कर स्टॉक की सूचना औषधि निदेशालय को दें। अब तक जमशेदपुर में इंजेक्शन का 11 हजार तथा कोडरमा, चतरा, दुमका व गोड्डा जिले में करीब चार-चार हजार वॉयल स्टॉक में होने का पता चला है। वहीं, ओएसडी कॉरपोरेशन शैलेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि यह पूरा इंजेक्शन दो बैच में था। एक बैच का इंजेक्शन खराब पाया गया है। सरकारी लैब की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित निर्माता कंपनी पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत हम कार्रवाई करेंगे।
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