दवा पर लाल निशान लगाने के लिए कंपनियों को आपत्ति 

मुंबई। बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की कमी पर रोक लगाने के लिए शुरू होने वाली नई व्यवस्था से कंपनियां आनाकानी करने लगी हैं। इस संबंध में दवा कंपनियों और बीएमसी प्रशासन के बीच एक बैठक हुई। इसमें प्रशासन ने दवाओं की चोरी रोकने के लिए हर दवा पर लाल निशान लगाने की बात कही, मगर कंपनियां ऐसा करने में आपत्ति जता रही हैं।
बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की कमी के कारण मरीजों को आए दिन परेशानी उठानी पड़ती है। दवाओं को बाहर बेचे जाने की शंका के चलते बीएमसी स्वास्थ्य विभाग ने बीएमसी के लिए आने वाली सभी दवाओं पर लाल निशान लगाने का आदेश दिया था। मगर अब इसे लागू करने में अड़चनें आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार मीटिंग के दौरान कुछ दवा कंपनियों ने निशान लगाने से होने वाली दिक्कतों पर लोगों का ध्यान खींचा। इसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच करने और इसमें आने वाली अड़चनों को रेखांकित कर जल्दी से जल्दी रिपोर्ट देने को कहा है।
नायर अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भारमल ने कहा कि मीटिंग के समय दवाओं पर लगने वाले लाल निशान को लेकर काफी चर्चा हुई। इसके बाद इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया। हमने बीएमसी अस्पताल के फॉर्मकॉलजी विभाग के डॉक्टरों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है कि दवाओं पर लाल निशान लगाने से मरीजों को क्या समस्या हो सकती है?  दवाओं पर निशान लगाना सही है या नहीं, इस संदर्भ में डॉक्टरों की रिपोर्ट जल्दी ही सामने आएगी। सेंट्रल पर्चेस विभाग के डेप्युटी म्युनिसिपल कमिश्नर (डीएमसी) रामभऊ धस ने कहा कि कंपनियों ने दवा में किसी भी तरह की अतिरिक्त प्रॉपर्टी एड करने के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव (एफडीए) विभाग की सहमति की जरूरत को रेखांकित किया। हमने अपने डॉक्टरों से इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार और जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है। अगर लाल निशान लगाने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी, तो इसे जरूर लागू किया जाएगा।
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