ये दवा बचाएगी घायल जवानों का जीवन

नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों ने कई ऐसी दवाइयां विकसित की हैं, जिनसे जंगल, अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध और आतंकवादी हमलों की स्थिति में घायल जवानों का जीवन बचाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने अपनी इस खोज को ‘कांबैट कैजुअल्टी ड्रग्स’ नाम दिया है। गौरतलब है कि गंभीर रूप से घायल सुरक्षाकर्मियों में से 90 फीसदी कुछ घंटे में ही दम तोड़ देते हैं। इन दवाइयों में घाव से खून के रिसाव को तत्काल रोकने वाली दवा, अवशोषक ड्रेसिंग और ग्लिसरेटेड सैलाइन शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि इन दवाइयों से मृतक संख्या में कमी लाई जा सकती है। डीआरडीओ की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेस में दवाइयों को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि घायल होने के बाद और अस्पताल पहुंचाये जाने से पहले यदि घायल को प्रभावी प्राथमिक उपचार दिया जाए तो उसके जीवित बचने की संभावना अधिक होती है। डीआरडीओ में लाइफ साइंसेस के महानिदेशक एके सिंह ने कहा कि डीआरडीओ की स्वदेशी निर्मित दवाइयां अर्धसैनिक बलों और रक्षा कर्मियों के लिए युद्ध के समय में वरदान हैं। ये दवाइयां यह सुनिश्चित करेंगी कि घायल जवानों को युद्धक्षेत्र से बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए ले जाये जाने के दौरान हमारे वीर जवानों का खून बेकार में न बहे।
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