दवा का होलसेल लाइसेंस लेने के आवेदनों की भरमार

बिजनौर। होलसेल मेडिकल का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन की भरमार होने लगी है। विभाग के अनुसार बीते माह फरवरी में होलसेल के लिए 25 आवदेन मिला हैं, जबकि रिटेल स्टोर के लिए केवल एक आवेदन आया है। बताया गया है कि पहले छह और फिर तीन रिटेल स्टोर पर एक होलसेल का लाइसेंस जारी करने का अनुपात था। मगर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसे समाप्त कर दिया है। दरअसल, रिटेल का लाइसेंस लेने के लिए फार्मासिस्ट का होना जरूरी है, लेकिन होलसेल के लिए इसकी बाध्यता नहीं है। अधिकारियों का मानना है कि फार्मासिस्ट के चक्कर से बचने के लिए ही लोग होलसेल के लिए आवेदन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि जिले में करीब तीन हजार लाइसेंस हैं। इनमें दो हजार रिटेल और एक हजार होलसेल के लाइसेंस शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने होलसेल लाइसेंस लेने के लिए फार्मासिस्ट की जरूरत को समाप्त कर दिया है। इससे पूर्व यह लाइसेंस लेने के लिए फार्मासिस्ट होना जरूरी था, लेकिन अब ऐसी बाध्यता नहीं है। अब विभाग ने फार्मासिस्ट के स्थान पर किसी मेडिकल स्टोर पर काम करने वालों को भी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर थोक लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया है। फार्मासिस्ट की छूट मिलने पर लोगों का रुझान होलसेल की ओर बढऩे लगा है। होलसेल के लिए  आवेदकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे लेकर अधिकारी चिंतित हैं कि कहीं लोग होलसेल लेकर रिटेल का कारोबार न करें। ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा का कहना है कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक बिना काम करने वाले को अपने यहां का अनुभव प्रमाण पत्र न दें। पात्र व्यक्ति को अनुभव प्रमाण पत्र जारी करें जिससे कि पात्र व्यक्ति को ही लाइसेंस जारी किया जा सके। उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आ चुका है कि एक मेडिकल स्टोर संचालक ने लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बाद भी प्रमाण पत्र जारी किया। कंप्यूटर पर अपलोड करते ही उसकी पोल खुल गई। फिलहाल यह मामला शासन को भेजा गया है।
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