नशीली दवाओं पर रोक के लिए चलेगा अभियान

श्रीगंगानगर। स्वास्थ्य विभाग क्षेत्र में नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए जल्द ही एक अभियान चलाएगा, ताकि युवाओं को इनके चंगुल से बचाया जा सके। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। सीएमएचओ डॉॅ. नरेश बंसल ने बताया कि जिले में मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाओं को कुछ लोग नशे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और मांग के चलते अनेक लोग इस धंधे में लिप्त हैं। हालांकि पुलिस विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है लेकिन अब शहर के साथ ही गांव-कस्बों तक पूर्णतया रोक लगाई जाएगी। डॉ. बंसल के मुताबिक मेडिकेटेड नशा बेहद घातक है। नशा करने वाले को शुरुआत में दुष्प्रभाव समझ नहीं आता है और न पहचान हो पाती है। लेकिन लगातार नशा करने से कुछ असामान्य लक्षण सामने आते हैं। हर प्रकार के नशे के अलग-अलग दुष्प्रभाव होते हैं। ज्यादातर मरीजों में चिड़चिड़ापन, हकलाना, लोगों में अरुचि उत्पन्न होना, अध्ययन के प्रति विरक्ति, याददाश्त कमजोर होना, बात-बात पर क्रोधित होना, रक्तचाप में असामान्य वृद्धि, अंगों का कंपकंपाना, नशा न लेने की स्थिति में बेचैनी बढऩा, हिंसात्मक व्यवहार, बहकी-बहकी बातें करना, नजरों का कमजोर होना, आंखों से आंसू आना, नाक बहना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।  नशे की चपेट में आए ज्यादातर युवा नशे की पूर्ति करने के लिए अपने ही घर या रिश्तेदारी में चोरी व छीना-झपटी जैसे अपराध करने लगते हैं और समाज के लिए भी घातक बन जाते हैं। गत दिनों शहर में हुई वारदातों में पकड़े गए कई युवा अच्छे घरों के होने के बाद भी नशे की लत के चलते अपराध में शामिल हो गए। इससे ना केवल उनका जीवन खराब हुआ, बल्कि परिवार की साख भी दांव पर लग गई। सीएमएचओ डॉ. बंसल ने कहा कि किसी भी कारण से यदि किसी को नशे की लत लग गई है तो इलाज कराने में झिझके नहीं। नशे के आदी युवाओं को तिरस्कार नहीं, सहयोग देकर नशे की गिरफ्त से बाहर लाया जा सकता है। बैठक के दौरान पुलिस विभाग के डीएसपी राहुल यादव, औषधि विभाग के डीआई रामपाल राजेरा, नशा मुक्ति केंद्र के डॉ. रवि गोयल सहित स्वास्थ्य विभाग के एसीएमएचओ डॉ. मुकेश मेहता, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. करण आर्य और ब्लॉक प्रभारी बीसीएमओ डॉ. महेश गुप्ता व डॉ. राजन गोकलानी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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