नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फोर्टिस हेल्थकेयर को झटका दिया है। शीर्ष न्यायालय ने कंपनी को आदेश दिया किवह मलेशिया की आईएचएच हेल्थकेयर बेरहाद को हिस्सेदारी की बिक्री पर यथास्थिति कायम रखे। दायची सांक्यो की याचिका पर न्यायालय ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस, इंडियाबुल्स वेंचर्स, ऑस्कर इन्वेस्टमेंट और आरएचसी होल्डिंग को नोटिस भी जारी किए। न्यायालय के आदेश के बाद फोर्टिस का शेयर 14 प्रतिशत तक नीचे चला गया था, लेकिन बाद में यह संभलकर 6.7 प्रतिशत कमजोर होकर 141.50 रुपये पर बंद हुआ। सूत्रों का कहना है कि फोर्टिस हेल्थकेयर जल्द ही इस आदेश को चुनौती दे सकती है। शीतकालीन अवकाश के बाद उच्चतम न्यायालय 2 जनवरी को खुलेगा। तब तक फोर्टिस-आईएचएच के बीच सौदा आगे नहीं बढ़ पाएगा। दिलचस्प बात है कि सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि आईएचएच ने मौजूदा विवाद में न्यायालय में एहतियातन कोई नोटिस नहीं दिया था। जब इस सौदे की घोषणा हुई थी तो उस समय आईएचएच के ग्रुप सीईओ तेन सी लेंग ने बताया था कि उन्होंने एक सोचा-समझा जोखिम लिया है। सूत्रों ने दावा किया कि मलेशिया की कंपनी के लिए फिलहाल पीछे हटने जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि फोर्टिस और आईएचएच दोनों ही कानूनी सलाह ले रहे हैं। आईएचएच का वरिष्ठ प्रबंधन फोर्टिस हेल्थकेयर से जुड़ी भविष्य की योजनाओं के लिए निरंतर भारत दौरे पर आता रहा है। इस सप्ताह के शुरू में तेन और उनकी टीम के वरिष्ठ सदस्य भारत में थे। आईएचएच 18 दिसंबर को फोर्टिस हेल्थकेयर में 26 प्रतिशत हिस्से के लिए अनिवार्य खुली पेशकश लाने वाली थी। अब न्यायालय के आदेश के बाद खुली पेशकश में देरी होगी। फोर्टिस हेल्थकेयर में नियंत्रण वाली हिस्सेदारी खरीदने के सौदे के तहत आईएचएच हेल्थकेयर को प्रति शेयर 170 रुपए के हिसाब से तरजीही आवंटन के जरिए 40 अरब रुपये की रकम देनी थी और इसके बाद इसी कीमत पर 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश लानी थी।