सात कंपनियों की दवाओं के सैंपल मिले फेल

शिमला। एशिया की 35 फीसदी दवा निर्माण करने वाले हिमाचल प्रदेश के उद्योगों की दवाएं फिर से मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। ताजा ड्रग अलर्ट में देशभर के 27 उद्योगों से लिए गए सैंपलों में हिमाचल के 7 उद्योगों की दवाएं फेल मिली हैं। इनमें 6 दवाएं और एक एनेस्थेटिक इंजेक्शन शामिल हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के नवंबर माह के जारी किए गए ड्रग अलर्ट में देशभर की 27 दवाओं में से हिमाचल के 7 उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। इन दवाओं में बीबीएन की 3, पांवटा साहिब की 3 और कांगड़ा की 1 दवा कंपनी की दवाएं शामिल हैं। हिमाचल ने दवा निर्माण क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पटल पर अपना नाम कमाया है, लेकिन हर माह जारी होने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जारी किए जाने वाले ड्रग अलर्ट में हर बार दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतर पा रही हैं। जिन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं, उनमें समर्थ लाइफसाइंसिज इंडस्ट्रियल एरिया लोदीमाजरा बद्दी की नमबकेन हैवी (बुपीवेकाईन हाईड्रोक्लोराईड डेक्ट्रोज इंजेक्शन), रचिल फार्मा इंडस्ट्रियल एरिया संसारपुर टेरेस कांगड़ा की डरूपरा-500, अल्ट्राटेक फार्मास्यूटिकल टिप्परा बरोटीवाला की कोलडॉक्स फोरटी, जी लैबोरेट्रीज इंडस्ट्रियल एरिया पांवटा साहिब की एमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन, जी लैबोरेट्रीज की ही दूसरी अमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन, मेडिपोल फार्मास्यूटिकल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड भुडड की मैथाइल एरगोमेटराईन और जी लैबारेट्रीज पांवटा की एमोक्सीसिलिन ओरल सस्पेंशन दवा शामिल हैं। यह दवाएं एंटीबायोटिक, प्रसव जल्दी कराने, रक्तस्त्राव रोकने, सर्दी खांसी जुकाम बुखार, एनेस्थेटिक आदि के उपचार में प्रयोग में लाई जाती हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि जिन उद्योगों की दवाइयोंं के सैंपल फेल हुए है, उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। फेल हुए सैंपलों के बैच मार्केट से वापस मंगवाने के निर्देश जारी कर दिए गए है।
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