देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के खिलाफ मिली शिकायत

मुंबई। मार्केट रेगुलेटर सेबी को देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी सन फार्मा के खिलाफ एक व्हिसल ब्लोअर की तरफ से शिकायत मिली है। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि सन फार्मा के खिलाफ शिकायत की जांच कर रहे हैं। सन फार्मा कॉरपोरेट गवर्नेंस इश्यू से जुड़ी खबरों के चलते मैनेजमेंट ने इनवेस्टर्स को एक लंबा स्पष्टीकरण जारी किया था। कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर कुछ सवाल उठाए गए हैं। कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े ये सवाल केतन पारिख जैसे प्रतिबंधित ट्रेडर्स के साथ कारोबारी सौदे करना, सन के एक प्रमोटर के मालिकाना हक वाली कुछ कंपनियों के साथ उसके कारोबारी हितों का टकराव होने और सिक्योरिटी बिना चार इंडिविजुअल्स को मोटी रकम उधार देने से संबंधित हैं।
सन फार्मा के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप सांघवी ने इन्वेस्टर्स के साथ घंटे  बातचीत में कहा था कि उनकी कंपनी कॉरपोरेट गवर्नेंस के हाई स्टैंडर्ड्स का पालन करती है। उन्होंने कहा कि अगर सन फार्मा के किसी भी फैसले को लेकर निवेशक असहज महसूस कर रहे हैं तो कंपनी उसे पलटने को तैयार है। सन फार्मा के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि सेबी ने इस बारे में हमसे संपर्क नहीं किया है। एलानिस्टों को कंपनी का नॉन रिलेटेड पार्टीज को 2200 करोड़ रुपये का लोन देने का फैसला भी नागवार गुजर रहा है। इस पर कंपनी ने कहा कि वह लोन को वापस मांगने को तैयार है। सांघवी ने 3 दिसंबर की इनवेस्टर कॉल में कहा था कि सिक्योरिटीज फर्म ने जो सवाल उठाए हैं, वे कुछ समय से सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित हैं। इनमें से कुछ मुद्दे सन फार्मा से नहीं जुड़े हैं और कुछ तो 15 साल तक पुराने हैं। नोट की जो थीम है उसका मकसद सन फार्मा में कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े गंभीर मसलों को उठाना है। हम अपने जैसी ग्लोबल कंपनियों की तरह ही कॉरपोरेट गवर्नेंस के हाई स्टैंडर्ड्स का पालन करती हैं। हम उनमें लगातार सुधार करने की कोशिश करते रहते हैं। रैनबैक्सी डील (2014 में सन फार्मा ने कंपनी को खरीद लिया था) के वक्त इनसाइडर ट्रेडिंग होने के आरोपों के बारे में सांघवी ने कहा कि कंपनी ने इस मामले में अपनी गलती नहीं मानते हुए उसका निपटारा कर दिया था और वह भी ट्रेडिंग विंडो के क्लोजर से जुड़ा प्रक्रिया संबंधी मामला था।
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