अब रात में भी कर सकेंगे दवा दुकान की जांच

लाइसेंस
भरतपुर। बाजार में नकली दवा की सप्लाई पर रोक लगाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। औषधि नियंत्रण अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए हैं। नए आदेशों के तहत उन्हें दवा दुकान निरीक्षण के लिए निदेशालय से इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी। एक माह में 20 दुकानों की जांच के अधिकार दिए गए हैं। औषधि नियंत्रण अधिकारी मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में भी सैंपल दवा की जांच करा सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग के उपशासन सचिव ने इस संबंध में आदेश निकाले हैं। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता ने आदेश जारी कर औषधि नियंत्रण अधिकारियों के पॉवर घटा दिए थे। स्वास्थ्य निदेशालय की परमिशन बिना निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया था। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में सप्लाई होने वाली दवा के सैंपल नहीं भरने के निर्देश दिए थे। साथ ही दुकान में फार्मासिस्ट की मौजूदगी होने पर निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया था। प्रमुख शासन सचिव के निर्देश के चलते दवा व्यापारियों की मनमर्जी बढ़ती गई। दवा बिक्री बिलों के रिकॉर्ड में हेरफेर की जाने लगी। एनडीपीएस अनुसूची-एच और अनुसूची-एच 1 के नियमों की अनदेखी की जाने लगी है। दवा व्यापारियों पर औषधि नियंत्रक विभाग का नियंत्रण घट गया। बाजार में नकली दवा की खपत बढऩे लगी। इसलिए विभाग ने नियमों में फेरबदल कर दिया। अब जरूरत पडऩे पर रात के समय भी दुकान खुलवाकर दवाओं की जांच की जा सकेगी। नियमों की पालना सुनिश्चित करने और एंटी टीबी औषधियों का रिकार्ड संधारित कराने के उद्देश्य से आदेश जारी किए हैं।
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